NOT KNOWN FACTUAL STATEMENTS ABOUT हिंदी कहानियां

Not known Factual Statements About हिंदी कहानियां

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हिंदी कहानियां लिखी हुई

महात्मा जी ने शांत भाव से फरमाया- तुम दोनों ही इस भूमि को अपना कहते हो और अपने अपने पक्ष में दलीले देते हो.

राधे गुप्त उन वस्तुओं को सुरक्षित स्थान पर रखते जा रहे थे.

अभी या बाद में, आपको खुद से ही सबकुछ करना होगा। जब तक माता–पिता अत्यधिक सख्त होना बंद नहीं करते, तब तक कुछ भी अपने आप काम नहीं करेगा।

बड़ा टेड़ा प्रश्न था. बड़ा बताएं तो किसे बताएँ. कुछ देर वो सोचकर बोले- इसका उत्तर कल दूंगा.

तब वह बोला- भासुरक कौन हैं ? क्या उसे ज्ञात नही कि यह जंगल तो मेरा हैं ?

तभी उनकी नजर एक व्यक्ति पर गईं. देखने से पंडित लगने वाला व्यक्ति भारतीय लगता था.

उमा की माँ ने कहा मैं तुम्हारी गुडिया को जोडकर तब तक तैयार कर दूंगी जब तक तू बया का घौसला तैयार नही कर देती, यदि तू उसके कार्य में विद्य न डालकर उनकी मदद करती तो बया अब तक अपना घौसला बना देती.

इस कहानी से यह शिक्षा मिलती है कि कोई भी कार्य अंतर्मन से छिपा नहीं रहता और अंतर्मन ही व्यक्ति को सही रास्ता दिखाता है.

यह सोच उनका गुस्सा कई गुना बढ़ गया. उसने झट से तलवार उठाई और दोनों को मौत के घाट उतारने ही वाला था.

तो मुझे जल्दी उस दुसरे सिंह के पास ले चलो. आज मै उसका रक्त पीकर ही अपनी पास बुझाउगा, इस वन में मेरे अतिरिक्त अन्य किसी सिंह का हस्तक्षेप मुझे मंजूर नही.

होली में बच्चों के बाल, त्वचा और नाखुन की देखभाल के हैक्स

चमनपुर गाँव पहाडियों के बिच बसा हुआ हैं, गाँव से थोड़ी दूर पाठशाला थी.

बालसाहित्य, हिंदी, सचित्र, गोद लेना, अनाम

कुरज की यह करुण विनती सुनकर उदरे का ह्रदय फट सा गया. उसकी आँखों में आंसू छलछला से गये. खेत के लोभी मालिक पर उसे बहुत गुस्सा आया,फिर भी उसने संयत स्वर में उससे विनती की- यदि तू इस कुरज को छोड़ दे तो मै तुम्हे एक सोने की माला दूंगा. पुरे एक सौ आठ मनको की.

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